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मुंबई,05 जनवरी (हि. स.)।वसई विरार और मीरा भाईंदर शहर से हर दिन 6 लोग लापता हो रहे हैं। 2023 के आंकड़ों के मुताबिक ये मामला सामने आया है, पिछले साल के 11 महीनों में 2 हजार 42 लोग लापता हुए.इनमें से 514 लोगों का पता नहीं चल पाया है। कई मामलों में यह बात सामने आई है कि पुलिस लापता बच्चों की तलाश में उदासीन है।साल 2023 में (30 नवंबर तक) 2 हजार 42 लोग लापता हुए।इसमें 1 हजार 162 महिलाएं और 880 पुरुष शामिल हैं।इनमें से 1 हजार 528 लोग घर लौट चुके हैं जबकि 514 लोगों का अभी भी पता नहीं चल पाया है।यानी हर दिन औसतन 6 लोग लापता होते हैं। लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि पुलिस गुमशुदा लोगों की तलाश में उदासीन रहती है।18 साल से कम उम्र के नाबालिग बच्चों के लापता होने पर अपहरण का मामला दर्ज किया जाता है। नायगांव निवासी नयना महंत (28) 9 अगस्त से लापता थी। लेकिन आरोप है कि पुलिस ने समय पर जांच नहीं की।बाद में नयना का शव गुजरात के वलसाड में मिला। चूँकि वह उस समय लावारिस था, इसलिए गुजरात पुलिस ने उसका निस्तारण कर दिया।नायगांव पुलिस ने समय पर जांच की,कम से कम हमें दाह संस्कार के लिए मेरी बहन का शव तो मिल जाता, यह आरोप मृतक नैना की बहन जया महंत ने लगाया है.श्रद्धा वालकर के लापता होने की रिपोर्ट उसके पिता ने 22 सितंबर 2022 को मानिकपुर थाने में दर्ज कराई थी।लेकिन फिर अक्टूबर के पहले हफ्ते में इसकी सूचना मिली.वसई पुलिस ने बिना शिकायत लिए ही उन्हें वापस भेज दिया।इस मामले में मृतक श्रद्धा वालकर के पिता ने पुलिस की ढिलाई की शिकायत की थी। गृह विभाग ने भी मामले की जांच का निर्देश दिया है।
हिंदुस्थान समाचार/
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