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नवादा जिला सन्तमत का 44 वां अधिवेशन सम्पन्न
नवादा, 7 जनवरी(हि. स.)। संतमत सर्वधर्म समन्वय मत है। जैसे हाथी के पद चिन्हों में सभी जानवरों के पद चिन्ह समा जाते हैं ठीक उसी प्रकार संतमत में सभी धर्म सम्प्रदाय, मज़हब परंपराएं समा जाती है। महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के गुरु बाबा देवी साहब ने संतमत सत्संग का प्रचार किया। उन्होंने कहा कि संसार वहम है अभ्यास करो। उक्त बातें सिद्धपीठ कुप्पाघाट भागलपुर महर्षि मेंहीं आश्रम से पधारे डॉ स्वामी विवेकानंद जी ने रविवार को नवादा जिला संतमत सत्संग के 44वें वार्षिक अधिवेशन के समापन के मौके पर कही।
नवादा जिले के रोह प्रखंड के सिउर गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग जिला अधिवेशन रविवार को गुरु कीर्तन आरती के साथ संपन्न हो गया। सत्संग सम्मेलन समापन के मौके पर स्वामी निर्मलानंद जी महाराज ने कहा कि संतों के ज्ञान से समाजिक सद्भावना व राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी। संत जाति, धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्र की नींव मजबूत करते हैं। वहीं धनावां आश्रम के संचालक स्वामी शांतानंद जी महाराज ने कहा कि ईश्वर की भक्ति के लिए संतों का मार्ग पर चलना होगा।संत ही मानव में मानवता का संदेश देते हैं, मानव में संस्कार का संचालन, प्रेम, त्याग, भक्ति का पाठ पढ़ा कर जीवन की सार्थकता सिद्ध करते हैं। आज हमें संतों के मार्ग पर चलकर स्वर्णिम समाज की स्थापना करने की अवश्कता है।
संत ही देश का मार्गदर्शन करते हैं।इस मौके पर स्वामी जय कुमार बाबा, स्वामी अखिलेश बाबा, धर्मानन्द,विश्वंभरानंद आदि महात्माओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।दो दिवसीय जिला संतमत सत्संग संपन्न कराने में ज़िला समिति के सचिव उमा पंडित, कुलदीप पंडित,डा विनोद, कृष्ण कुमार वर्मा, रविन्द्र कुमार, महेंद्र, सुरेंद्र गोविंद,संजय कुमार विद्यार्थी, शंभू शर्मा, दिवाकर सिंह आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/चंदा
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