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-बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने और मुकदमेबाजी कम करने के लिए जुर्माना राशि एवं ब्याज राशि पर पूरी छूट
नारनौल, 8 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से हरियाणा में बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने और मुकदमेबाजी कम करने के उद्देश्य से ‘एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम 2023’ नामक योजना लागू कर दी गई है। इस योजना के तहत जीएसटी लागू होने से पहले सात अलग-अलग कर अधिनियमों से संबंधित मामलों में लंबित करों की अदायगी में ब्याज और जुर्माने में छूट के साथ चार श्रेणी निर्धारित करते हुए करों की अदायगी की जा सकेगी। इस योजना का 30 मार्च 2024 तक लाभ उठा सकते हैं।
उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त (जीएसटी) अनिल कुमार ने सोमवार को बताया कि इस योजना के तहत 30 जून 2017 तक की अवधि के लिए सात निर्दिष्ट अधिनियमों के तहत बकाया देयों के व्यवस्थापन के लिए जुर्माना राशि एवं ब्याज राशि की पूर्ण छूट स्वीकृत कर पर 100 प्रतिशत देय पर है। उन्होंने बताया कि यदि विवादित कर की राशि 50 लाख रुपए के बराबर या उससे कम है तो विवादित कर का 30 प्रतिशत तथा अन्य सभी मामलों में विवादित कर का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा। यदि निर्विवादित कर की राशि 50 लाख से कम या उसके बराबर है तो निर्विवादित कर का 40 प्रतिशत तथा अन्य मामलों में निर्विवादित कर का 60 प्रतिशत भुगतान करना होगा। अंतरीय कर पर 30 प्रतिशत देय है।
करदाता एकमुश्त व्यवस्थापन योजना के तहत निर्धारित निपटान राशि का भुगतान किश्तों के माध्यम से भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि 10 लाख तक की व्यवस्थापन राशि का भुगतान ओटीएस-1 के साथ करना होगा। 10 लाख से 25 लाख तक प्ररूप ओटीएस-1 के साथ व्यवस्थापन राशि का 50 प्रतिशत तथा प्ररूप ओटीएस-1 क में सूचना के साथ व्यवस्थापन राशि का शेष 50 प्रतिशत। 25 लाख से ज्यादा प्ररूप ओटीएस-1 के साथ व्यवस्थापन राशि का 40 प्रतिशत, प्ररूप ओटीएस-1 क में सूचना के साथ व्यवस्थापन राशि का 30 प्रतिशत तथा प्ररूप ओटीएस-1 ख में सूचना के साथ व्यवस्थापन राशि का शेष 30 प्रतिशत। इस योजना का 30 मार्च 2024 तक लाभ उठा सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/श्याम/संजीव
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