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जींद, 10 जनवरी (हि.स.)। बुधवार को आल हरियाणा अर्थ मूवर्स एसोसिएशन ने मिट्टी उठाने के कार्य करने वाले लोगों ने मिट्टी उठाने के कार्य को माइनिंग व भूगर्भ विभाग से अलग करने की मांग को लेकर बुधवार को लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी लोगों ने मांगों को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने से पहले आल हरियाणा अर्थ मूवर्स एसोसिएशन ने गोहाना रोड पर एकत्रित हुए। आनंद, पवन बूरा, सुनील ने कहा कि मिट्टी उठाने व डालने का कार्य किसान व मजदूर करते हैं। कुछ लोग ट्रेक्टरों द्वारा यह कार्य करते हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती है। मिट्टी उठाने से कोई भी कार्बन उत्सर्जन नहीं होता और न ही मिट्टी उठाने के लिए ब्लॉस्ट किए जाते हैं। ऐसे में इस कार्य पर एनजीटी के निर्देश लागू नहीं होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि माइनिंग विभाग उन्हें बेवजह परेशान कर रहा है। इस कारण मिट्टी के कार्य से जुड़े लोगों की रोजी रोटी का खतरा पैदा हो गया है। लाखों परिवार खेतों से मिट्टी उठाने के कार्य से जुडे हैं। किसान पानी तथा अन्य समस्याओं के चलते अपने खेत को समतल करवाने के लिए मिट्टी उठवाता है। अगर किसी के पास अनुमति नहीं है तो माइनिंग विभाग भारी भरकम जुर्माना लगाता है।
इसके डर से कोई खेत से मिट्टी नहीं उठा पा रहा है। किसान अपनी मर्जी से अपने खेत को समतल नहीं करवा सकता। यदि किसान अपनी मर्जी से ऐसा करता है तो माइनिंग विभाग उस पर पांच से 20 लाख रुपये तक जुर्माना लगा देता है। इस कारण किसान यह जुर्माना नहीं भर पाता और उसका ट्रेक्टर या अन्य वाहन जब्त हो जाता है। इसी कारण कोई व्यक्ति अपने प्लाट में मिट्टी नहीं डलवा पा रहा। वक्ताओं ने कहा कि मिट्टी उठाने के कार्य पर कोयला खानों, पहाड़ खानों जैसे नियम लागू हैं जोकि गलत हैं। इस कार्य को इस विभाग से अलग किया जाए। क्योंकि जब विभाग चालान काटता है तो वह पांच से 20 लाख रुपये तक का होता है। जोकि गरीब लोग अपना ट्रेक्टर छोडऩे को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने चेताया कि 20 जनवरी तक उनकी मांग नहीं मानी गई तो 20 के बाद वह मिट्टी उठाने का कार्य पूरे हरियाणा में बंद कर देंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव
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