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खूंटी, 7 जनवरी (हि.स.)। सरना धर्म समंन्वय समिति के तत्वावधान में खूंटी के कचहरी मैदान में रविवार को विशाल सरना धर्म कोड महारैली आयोजित की गई। खूंटी के विभिन्न मार्गों से सरना धर्मावलंबियों का जत्था खूंटी पहुंचा और विशाल महारैली में तब्दील हो गया।
लोग बैनर, सरना झंडा, ताख्ती तथा पोस्टर के साथ कार्यक्रम में पहुंचे। . कई लोग सरना कोड महारैली के समर्थन में शरीर पर सरना धर्म कोड की मांग पेंट कर शामिल हुए। सरना धर्मावलंबी मैदान में इकट्ठा होने के पश्चात धर्मगुरु सोमा कंडीर, धर्मगुरु बगरय मुंडा एवं धर्मगुरु भैयाराम मुंडा की अगुवाई में गांव के पहानों और सरना धर्मावलंबियों साथ पूजा-पाठ कर भगवान सिङबोंगा से खुशहाली की कामना की। महारैली को संबोधित करते हुए धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि सरना प्रकृति पर आधारित मानव सभ्यता का प्रचीनतम धर्म है। यह सभी धर्मों का आधार और संरक्षण है।
सरना धर्म में लाखों लोगों की धार्मिक आस्था-विश्वास है, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण भारत सरकार ओर राज्य सरकार सरना धर्म कोड तथा आदिवासी अधिकारों के प्रति उदासीन है। सरना धर्म कोड के अभाव के कारण न केवल आदिवासियों की धार्मिक एवं सामाजिक एकता टूटी है, बल्कि सरना धर्म पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। धर्मांतरण के कारण आदिवासियों की धार्मिक तथा सामाजिक एकता कमजोर होती जा रही है, जिससे आदिवासियों में जल-जंगल-जमीन के प्रति लगाव कम होता जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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