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नई दिल्ली, 5 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चेन्नई स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने डाकघर जमाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में तत्कालीन मानकीकृत एजेंसी सिस्टम एजेंट आर अमृतमबल और उसके पति एच नारायण काे पांच-पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने इन दोनों आरोपितों पर 1.05 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उप-डाकघर, तिरुवोट्टियूर, चेन्नई की तत्कालीन मानकीकृत एजेंसी सिस्टम एजेंट आर अमृतमबल पर 1.03 करोड़ रुपये और उनके पति एच नारायण (निजी व्यक्ति) पर 2.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
सीबीआई का आरोप था कि आरोपितों ने 2007 से 2012 की अवधि के दौरान तिरुवोट्टियूर डाकघर, चेन्नई में निकासी व बंद करने के फॉर्म में जमाकर्ताओं के जाली हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही मासिक आय योजना, आरडी योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना को परिपक्वता से पहले बंद करने की साजिश रची थी। जमाकर्ताओं को इस बात की जानकारी नहीं दी। जमाकर्ताओं को उनकी जानकारी के बिना जमा की गई रकम का दुरुपयोग करने के लिए आरोपितों ने जमाकर्ताओं से बड़ी रकम की धोखाधड़ी की।
सीबीआई ने 20 दिसंबर, 2012 को 12 लोगाें के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के बाद 28 फरवरी, 2014 को आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। ट्रायल कोर्ट ने उक्त आरोपितों को दोषी पाया और उन्हें दोषी ठहराया। दो आरोपितों की मौत हो गई और आठ आरोपिताें को अदालत ने बरी कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/दधिबल
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